is baar bhi bharat ratna kisi ko nahin milaa
इस बार भी किसी को नहीं मिला भारत रत्न
25 जनवरी 2008
वार्ता
नई दिल्ली। और अन्नत: इस बार भी किसी को भारत रत्न नहीं मिल पाया। लोकसभा में विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने की इस तरह मांग की कि पूरे देश में इस सर्वोच्च सम्मान पर बहस ही छिड़ गई और भारत रत्न की मांग करने वालों की लाइन लग गई।
देश के लोग यह कयास लगाने लगे थे कि इस बार किस को भारत रत्न मिलता है पर 2001 के बाद लगातार सातवें वर्ष किसी को भारत रत्न देने की घोषणा नहीं की गई।
वाजपेयी को भारत रत्न न दिए जाने से भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों को थोड़ी निराशा जरूर हुई, पर लोगों ने यह देखकर संतोष कर लिया कि अन्नत: किसी को भारत रत्न नहीं मिला। इस बार भारत रत्न को लेकर इतना विवाद छिड़ गया कि पहले ही यह अटकलबाजियां लगाई जा रही थी कि इस बार सरकार शायद भारत रत्न किसी को नहीं देगी।
पढ़ें:- अटलजी को भारत रत्न दिया जाए-आडवाणी
कांग्रेस ने यह ऐलान भी कर दिया था कि इस बार भारत रत्न किसी को नहीं दिया जा सकता है। इस सर्वोच्च सम्मान के लिए वाजपेयी के अलावा वयोवृद्ध वामपंथी नेता ज्योति बसु, दिवंगत कांशीराम, द्रमुक नेता करूणानिधि से लेकर चौधरी चरण सिंह, जगजीवन राम, दिलीप कुमार, मोहम्मद रफी, ज्योतिबा फूले, बहादुरशाह जफर, कर्पूरी ठाकुर, लाला जगत नारायण, बीजू पटनायक, सचिन तेंदूलकर, शंकर राव चव्हाण आदि के नाम भी मीडिया से उछले।
संघ परिवार ने तो वाजपेयी की बजाय क्रांतिकारी भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग की। समाचारपत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार आडवाणी ने वाजपेयी का नाम इसलिए उछाला कि ज्योति बसु को यह सम्मान नहीं मिले। वैसे बसु ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह इस सम्मान की दौड़ में शामिल नहीं है।
वार्ता
नई दिल्ली। और अन्नत: इस बार भी किसी को भारत रत्न नहीं मिल पाया। लोकसभा में विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने की इस तरह मांग की कि पूरे देश में इस सर्वोच्च सम्मान पर बहस ही छिड़ गई और भारत रत्न की मांग करने वालों की लाइन लग गई।
देश के लोग यह कयास लगाने लगे थे कि इस बार किस को भारत रत्न मिलता है पर 2001 के बाद लगातार सातवें वर्ष किसी को भारत रत्न देने की घोषणा नहीं की गई।
वाजपेयी को भारत रत्न न दिए जाने से भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों को थोड़ी निराशा जरूर हुई, पर लोगों ने यह देखकर संतोष कर लिया कि अन्नत: किसी को भारत रत्न नहीं मिला। इस बार भारत रत्न को लेकर इतना विवाद छिड़ गया कि पहले ही यह अटकलबाजियां लगाई जा रही थी कि इस बार सरकार शायद भारत रत्न किसी को नहीं देगी।
पढ़ें:- अटलजी को भारत रत्न दिया जाए-आडवाणी
कांग्रेस ने यह ऐलान भी कर दिया था कि इस बार भारत रत्न किसी को नहीं दिया जा सकता है। इस सर्वोच्च सम्मान के लिए वाजपेयी के अलावा वयोवृद्ध वामपंथी नेता ज्योति बसु, दिवंगत कांशीराम, द्रमुक नेता करूणानिधि से लेकर चौधरी चरण सिंह, जगजीवन राम, दिलीप कुमार, मोहम्मद रफी, ज्योतिबा फूले, बहादुरशाह जफर, कर्पूरी ठाकुर, लाला जगत नारायण, बीजू पटनायक, सचिन तेंदूलकर, शंकर राव चव्हाण आदि के नाम भी मीडिया से उछले।
संघ परिवार ने तो वाजपेयी की बजाय क्रांतिकारी भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग की। समाचारपत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार आडवाणी ने वाजपेयी का नाम इसलिए उछाला कि ज्योति बसु को यह सम्मान नहीं मिले। वैसे बसु ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह इस सम्मान की दौड़ में शामिल नहीं है।
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पाठकों की राय
26 जनवरी 2008
26 जनवरी 2008
Jan 25, 2008
अपनी राय मैं तो कोई भी पोलिटिकल व्यक्ति इस सम्मान का जायज़ हक़दार नहीं है. यहाँ तो अँधा बंटेय रावरियाँ मूर मूर अपनो को दे.
c.p.gulati lucknow
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