STOCK MARKET CRASHING ON THE HEAD OF THE RICH
agrasen
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[seattle-hindi] bail out - बेल-आउट
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Rahul Upadhyaya
To: seattle-hindi@yahoogroups.com
(online link: http://mere--words.blogspot.com/2008/12/blog-post_12.html )
बेल-आउट
राहुल उपाध्याय
सांड है छुट्टी पर
और भालू का बाज़ार है
जब चिड़िया चुग गई खेत
कर रहे बेल-आउट का इंतज़ार है
धनाड्यों की दुनिया में
छाया अंधकार है
दिन में तारें दिखते हैं
हुआ बंटाधार है
अच्छे खासे सेठों का
ठप्प हुआ व्यापार है
स्टॉक्स के जुआरी लोग
कर रहे हाहाकार है
माना कि सारे जीव-जंतुओं में
मनुष्य सबसे होशियार है
आंधी आए, तूफ़ां आए
लड़ने को रहता तैयार है
सर्दी-गर्मी से निपटने को
किए हज़ारों अविष्कार हैं
पाँव मिले थे चलने को
पंख किए इख्तियार है
छोटी-बड़ी सारी समस्याओं से
पा लेता निस्तार है
सुनामी से भी बचने का
खोज रहा उपचार है
लेकिन फ़ितरत ही कुछ ऐसी है
कुछ ऐसा इसका व्यवहार है
कि अपने ही हाथों मिटने को
हो जाता लाचार है
त्रेता युग हो या द्वापर युग हो
या कोई सरकार हो
मानव ने ही मानव का
सदा किया संहार है
राम-राज्य से डाओ-जोन्स तक
सब बातों का यही सार है
आदमी संतुष्ट रहने से
सदा करता रहा इंकार है
सिएटल,
12 दिसम्बर 2008
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सांड = bull; भालू = bear; बेल-आउट = bail-out; स्टॉक्स = stocks; सुनामी =tsunami; डाओ-जोन्स = Dow-Jones Index
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