INDIAN ELECTION 09
Rahul Upadhyaya to seattle-hindi
show details Apr 13 (1 day ago) Reply
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इंडिया में ऐसा कहाँ लगता अजीब है
राहुल उपाध्याय
इंडिया में ऐसा कहाँ लगता अजीब है
कि नोट से नेता सीट लेता खरीद है
डूबे ही रहते हैं वोटर सारे
उनको न कोई माझी पार उतारे
हर पाँच साल फिर फ़ूटता नसीब है
गली-गली घूमते हैं गुंडे-हत्यारे
उनकी ही 'जय हो' के लगते हैं नारे
भलामानुस सदा चढ़ता सलीब है
आज है जिनके ये कट्टर दुश्मन
कल को उन्हीं से जोड़ें ये गठबंधन
राजनीति का एक अपना गणित है
पार्टी है नाम की और चमचे हैं नेता
होता वही जो चाहें माँ और बेटा
जनतंत्र का धीरे-धीरे बुझता प्रदीप है
भाग्य भरोसे जीती जनता बिचारी
जीती कभी न वो हमेशा है हारी
भाग्य विधाता कर देता मट्टी पलीद है
कर्मों की दुनिया के फ़ंडे निराले
कब किसको ये मारे किसको बचा ले
जनम-जनम की यहाँ कटती रसीद है
दूर-दूर रहते हैं पासपोर्ट वाले
उनमें से कोई आ के वोट न डाले
उनकी वजह से देश का उजड़ा भविष्य है
आपस में लड़ते हैं दिमाग वाले
एकजुट हो के यदि हाथ मिला ले
फिर देखो कैसे उल्लू बनता वज़ीर है
सिएटल | 425-445-0827
13 अप्रैल 2009
(आनंद बक्षी से क्षमायाचना सहित)
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इंडिया = India; वोटर = voter; सलीब = सूली;
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